- परमार्थ निरूपण
- बद्रिकाश्रम गमन
- यदुकुल संघार
- स्वधाम गमन
- वंश राजवंश
- धर्म
- नाम संकीर्तन
- प्रलय
भगवान!आप के वास्तविक स्वरूप को जानने वाला पुरुष आपके दिए हुए पुण्य और पाप कर्मों के फल सुख एवं दुखों को नहीं जानता, नहीं भोगता; वह भोग्य और भोक्ता पन के भाव से ऊपर उठ जाता है। उस समय विधि-निषेध के प्रतिपादक शास्त्र भी उस से निवृत हो जाते हैं; क्योंकि वह देहा भिमानियो के लिए है। उनकी ओर तो उसका ध्यान ही नहीं जाता। 1परमार्थ निरूपण 2भागवत धर्म 3यदुकुल संहार 4स्वधामगमन 5कलियुगी राजा 6धर्म 7नाम संकीर्तन 8प्रलय
मंगलवार, 21 जून 2022
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